वह अपने देश से दुबई गया तब उसके जेहन में ढेर सारे सपने थे।उसने सोचा था।परिवार की सारी दरिद्रता और अभाव हमेशा के लिए खत्म कर देगा।उस समय उसके मन मे यह ख्याल नही आया था कि जरूरी नही है।सपने हर इंसान के पूरे हो।उस दुनिया से जा रहा हूं, लेकिन क्या छोड़कर?पिता के पास सम्पति के नाम पर छोटा सा टूटा फूटा मकान था।वह भी उसी की वजह से गिरवी रखा है।परिवार के ढेर सारे दायित्व है,जिन्हें पूरे करने की जिम्मेदारी उस पर थी।लेकिन वह अपनी जिम्मेदारी निभा नही पाया।नागेश का शरीर छत पर लटके पंखे से झूल रहा