कुछ देर तक उन दोनों को निहारने के बाद वो अघोरी एक भयानक खरखरती तेज आवाज़ में आदेशित अंदाज़ में उनसे बोला...हर हर महादेव...जल पिला मुझे। उस की आवाज़ इतनी अजीब थी जैसे कोई जानवर की गुर्राहट हो। उस आवाज़ ने बाबा के माँ बाप को और भी दहशत में डाल दिया। बाबा के पिता ने तुरंत ही उस अघोरी को हाथ जोड़ प्रणाम किया और बिना कुछ बोले कांपते हाथों से कुंए में लगी बाल्टी में पानी भरकर उस अघोरी की ओर बढ़ाया। बाबा की माँ कुएं की जगत की ओट से उस अघोरी को देख रही थी। उसे