धवल चाँदनी सी वे - 5 - अंतिम भाग

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एपीसोड –5 नीलम कुलश्रेष्ठ मधु जी का प्रथम काव्य संग्रह 'भाव निर्झर 'पास के एक बैंक ऑफ़ बड़ौदा के ऑफ़िसर उमाकांत स्वामी जी की सहायता से प्रकाशित हुआ व हिंदी निदेशालय द्वारा पुरस्कृत भी हुआ। धीरे धीरे नीरा की पुस्तकें प्रकाशित होनी शुरू हुईं । सन् 2001 में जब भी वह उनके घर जाती. वे दोनों उनकी डायरियाँ लेकर पुस्तकों की रूपरेखा बनाने लगतीं । लेकिन इन बीच के वर्षों में कितनी बार ही लगा था कि उनका अंतिम समय आ गया है । वह गंभीर बीमार होती तो उनके रिश्तेदार भाई डॉ. उमाकांत शाह उन्हें अस्पताल में दाखिल करा