अनोखी दुल्हन - (मौत का सौदागर_३) 15

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वीर प्रताप जैसे ही घर पोहोचा, यमदुत उसका इंतजार कर रहा था।" तो वो अफवा सच है। क्या अब तुम्हारी मुक्ति का वक्त पास आ गया है।" यमदूत।" ये वो नही है। वो मुझ में कुछ नही देख सकती।" वीर प्रताप।" शायद उसे तलवार दिखाने के लिए तुम्हे उसके सामने अपने पूरे कपड़े निकालने पड़े। पर अभी वो इस चीज के लिए बोहोत छोटी है।" यमदूत।" हा वो छोटी है। इसीलिए उसे अकेला छोड़ दो। अगर फिर मुझे उसके आस पास भी तुम दिखाई दिए तो याद रखना।" वीर प्रताप ने गुस्से भरी आखों से कहा।" अगर ये लड़की वो