चाहत - 13

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पार्ट -13 कहते हैं जीवन में गम और खुशी धूप -छाँव की तरह होते हैं। जो समय के साथ बदलते रहते हैं। मुझे एक तरफ सलिल की बातों से मायूसी हुई थी तो दूसरी तरफ शिव भैया की शादी की ख़ुशी थी। इसी ख़ुशी में मैं और नेहा आज सुबह जल्दी से कॉलेज के लिए निकल आये थे घर से। आज हमे शादी के लिए छुटियाँ जो लेनी थी। (कॉलेज में अपना काम खतम करके अब हम आशीष और पूजा के साथ बैठे हैं। ) पूजा -हे ! तुम्हें लीव मिली क्या ? नेहा