मे और महाराज - ( एक तोहफा_२) 18

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सिराज सुबह सुबह बाहर चबूतरे पर बैठ कोई चित्र बना रहा था। मर्जी ना होते हुए भी समायरा को उसने जबरदस्ती अपने पास बिठाया था। तभी राजकुमारी आर्या उनके महल में आई। रिहान के काफी रोकने के बाद भी उस से बहस कर राजकुमारी सिराज तक पोहोच ही गई। आर्या को देखते ही सिराज ने समायरा को अपनी गोद मे खीच लिया। उसके पास जाकर कानो मे धीरे से कहा, " हमारे पास आपके लिए एक खास तोहफा है। जिसे आप काफी दिनो से ढूंढ रही है। अगर आपको वो चाहिए तो इन्हे यहां से भगाने मे हमारी मदद कीजिए।" कुछ