मोतीमहल---भाग(४)

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गजेन्द्र मना मनाकर हार गया लेकिन कमलनयनी ने अपनी जिद नहीं छोड़ी,वो समाज मे माँगभर कर गजेन्द्र की दुल्हन का दर्जा पाना चाहती थी लेकिन इस बात के लिए,गजेन्द्र कतई राज़ी ना था,उसने कहा कि धर्मपत्नी सिर्फ़ एक होती है जो कि मेरे पास है,दोनों ही अपनी जिद पर अड़े थे।। उधर फाल्गुनी और रणजीत का प्यार बढ़ता ही जा रहा था और इस बात की खुशी फाल्गुनी के चेहरे पर साफ साफ दिखाई देती थी,फाल्गुनी के चेहरे का निखार देखकर एक दिन कमलनयनी ने पूछ ही लिया___ क्या बात है फाल्गुनी? आजकल चेहरे का निखार दिनबदिन बढ़ता