रघुवन की छोटी पहाड़ी पर जो फूलों की बगिया है, उस पर पेड़ोंपर अंगूर के रसीले गुच्छे लगे हुए थे।अंगूर खाने के लालच में उधर कई जानवरों का आना जाना लगा रहता था। नीलगाओं का झुण्ड भी आया हुआ था। ज़ेब्रा का झुण्ड भी उधर ही मौजूद था। नीलम नीलगाय ने पेड़ पर एक पका हुआ बड़ा सा अंगूर का गुच्छा देखा, जोकि उसकी पहुँच में था। वही अंगूर का गुच्छा जेबा ज़ेब्रा ने भी देखा। दोनों ही उसे खाने के लिए बढ़े और दोनों साथ में ही उस गुच्छे के पास पहुंचे। दोनों एक दूसरे को देख कर रुक