कर्ण पिशाचिनी - 8

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भाग - 3बिस्तर पर बैठे पुरानी बातों को सोचते हुए विवेक को झपकी आने लगी थी । अचानक किसी ने उसका नाम लेकर उसे बुलाया । हड़बड़ाकर वह फिर उठ बैठा । शायद वह कोई सपना ही देख रहा था । पिछले कुछ दिनों से विवेक के लिए स्वप्न और वास्तव मिक्स हो गया था । लगभग 1 साल पहले शादी की तारीख ठीक होने के दिन ऐसा शुरू हुआ था । ममता के घर पर उस दिन कई रिश्तेदार थे और विवेक के घर से भी सभी गए