(23)बहुत सोचने पर मानवी को अंधेरे में एक छोटी सी किरण नज़र आई। यह किरण थी अंजली स्वामीनाथन। वह उसके साथ चेन्नई निफ्ट में थी। कोई आठ महीने पहले उसकी अंजली से बात हुई थी। तब उसने बताया था कि वह गोवा में है। उसका अपना फैशन स्टोर है। जहाँ वह अपने डिज़ाइन किए हुए कपड़े रखती थी। निफ्ट में मानवी ने अंजली की सहायता की थी। उसके एक साल की फीस अपनी तरफ से जमा की थी। वह उसी मदद के बदले में अब मदद की उम्मीद कर रही थी। हालांकि उसके मन में संदेह था कि इस