मैं तो ओढ चुनरिया अध्याय - 13 सहारनपुर मुसलमानों का शहर । सहारनपुर रिफ्यूजी शरणार्थियों का शहर । शहर के बीचोबीच मुसलमानों के मौहल्ले । और शहर से बाहर शरणार्थियों के कैंप । यहाँ सहारनपुर आकर मेरी दिनचर्या ही बदल गयी । सुबह बङे मामा अपने अखाङे जाने के लिए निकलते तो इधर से होकर ही निकलते । मेरी अठन्नी पक्की थी जो वे आते ही चुपचाप मेरी हथेली पर टिका देते । अगर मैं नहाकर नाश्ता कर चुकी होती तो अपने साइकिल के डंडे पर बिठाकर अपने अखाङे ले जाते । जहाँ एक लंबी दाढी और भगवा