जब भी हम बालू और पत्थर के विषय पर गौर करते हैं तो पाते हैं कि बालू और पत्थर आपस में नहीं मिलते हैं। जब भी घर के पास बालू का ट्रक आता तो मैं दौड़कर देखने जाती । बचपन की बातें मैं आप सबों के साथ चर्चा कर रही हूं ।। बालू के ट्रक आते ही मेरे मन में उत्सुकता होती कि मै बालू पर कब खेलने जाऊं मै वही खडी रहती जब तक कि बालू गिरना खत्म नहीं हो जाता था. बालू को लगातार सर सर गिरते हुए देखना मुझे बहुत भाता था. बालू पर खेलना मेरी शौक में शामिल था बाल मनोरंजक बातों के संग बालू और पत्थर से प्रेम के रंग