छोटी कहानियां

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दो जिस्म एक जानचाचा जलेबी खानी है... तो खा ले बेटा... पर मेरे पास आज पैसे नही तो कल दे देना... हम्म्म्म...ठीक है चाचा, कल पैसे दे दूंगी। ठीक है बिटिया, ले खा ले...! जलेबी खा कर वो ठुमकती हुई चली गयी।*********************************************** दो दिन बाद.... अरे बिटिया सुन तो... हां चाचा,... अरे वो जलेबी के पैसे तो दे कौन सी जलेबी चाचा अरे! अभी परसो ही तो जलेबियाँ खाई थी तूने। नही तो..परसो से तो मैं घर मे ही थी, तबियत नही ठीक थी न मेरी चाचा.. अरे! क्यूँ झूठ बोल रही है छोरी... सुबह सुबह ही खाई थी ओह!