6 शह अठारह-बीस वर्ष की एक युवती, बाल बॉयकॉट, जींस और टॉप पहने, हाथ में पर्स झुलाती, सड़क पर मटकते हुए जा रही थी। सामने से आते बाइक-सवार युवकों ने बाइक रोकी और उनमें से एक बोला - ‘हम तैयार हैं। चलो बैठो बाइक पर।’ युवती - “ख़ैर चाहते हो तो खिसक लो, वरना शोर मचा दूँगी।’ ‘ग़र शोर ही मचाना था तो निमन्त्रण क्यों दिया?’ ‘मैंने तुम्हें कोई निमन्त्रण नहीं दिया।’ यह वार्तालाप चल ही रहा था कि एक बुजुर्ग जो वहाँ से गुजर रहा था, ने रुककर युवकों से कहा - ‘बच्चो! क्यों परेशान कर रहे हो लड़की