विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 13

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अध्याय 13 सिल्वरलैन स्टेट बंगला एक छोटे समुद्र जैसा फैला हुआ था। ए.बी.सी.डी. के कार्यक्रम खत्म करके दूसरे दिन | सिम्हा ने ऊपर अपने पिताजी के कमरे को दिखाया। "यह उनका कमरा है...." विवेक और विष्णु कमरे के अंदर गए। दो कांच की अलमारी भरकर किताबें थी। विवेक एक अलमारी को खोल कर पुस्तकों को निकाल कर देखने लगा। 'लॉ एंड ऑर्डर ऑफ यू. एस. ए.' 'एप्पलोंट इंटरपोल' 'ए पुलिसमैन प्लस 365 10 टेन्स' 'चैक एंड मीट' 'टेल ऑफ ए टेरेरिस्ट' 'आई-यू-ही' विवेक के पीठ के पीछे से सिम्हा बोली "यह सब मेरे अप्पा की लिखी हुई किताबें हैं। आखिर