विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 12

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अध्याय 12 डॉ. अमरदीप के हाथ में जो 'मेडिकल बुलेटिन' था पढ़कर खत्म करते ही स्टाफ नर्स पुष्पम अंदर आई। उन्होंने गर्दन उठा कर उसे देखा। पुष्पम बोली "डॉक्टर शिवपुण्यम आ रहे हैं। आपने फोन किया था क्या...." "हां! उन्हीं के लिए वेट कर रहा हूँ ।" अमरदीप के बोलते समय ही डॉक्टर शिवपुण्यम दरवाजे को खोलते हुए अंदर आए। उनका थोड़ा भारी शरीर। सिर गंजा। "गुड इवनिंग अमरदीप..." "गुड इवनिंग.... शिवपुण्यम ! थैंक्स फॉर यूअर कमिंग..." पुष्पम बाहर चली गई....शिवपुण्यम सामने की कुर्सी पर आराम से बैठ गए। "कहिए.... क्यों अचानक फोन किया ?" "आपसे एक छोटा कंसल्टेशन..." शिवपुण्यम