विवेक तुमने बहुत सहन किया बस! - 7

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अध्याय 7 विवेक और विष्णु मुन्नार में उस छोटे राजकीय हॉस्पिटल के सामने पेड़ के नीचे कार पार्क कर उसके अंदर बैठे हुए थे। बड़े-बड़े देवदार के पेड़.... चारों तरफ खंबे जैसे दिखने वाले बर्फ और कोहरे से आच्छादित थे । ठंडी हवा मिलकर सुई जैसे चुभ रही थी। "बॉस...." "हां...." "वन विभाग के लिखे हुए बोर्ड को देखा ?" - विष्णु ने जहां बताया अपनी निगाहों को विवेक वहां ले गया। "एक बोर्ड दिखाई दिया। उसमें लिखा हुआ पढ़ने वालों के आंखों में लग रहा था। "पेड़ों से प्रेम कीजिए। परंतु पेड़ के नीचे प्रेम मत करिए।” "यह फॉरेस्ट