चैट बॉक्स.… - 5

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भाग 5 वंदना ने अपनी सिसकियों में बात को जारी रखते हुए कहा, , ...दीदी....मैंने अपने रेप की बात भाभी से करना चाहती थी...पर नहीं कर पाई...भाई को बताना चाहती थी...पर नहीं बता पाई...मेरे माँ-बाबा नहीं है...ना कोई बहन...भतीजी या भांजी जिसे मैं अपने दिल के ज़ख्म दिखा सकती...मैं अन्दर ही अन्दर टूटती रही, पल पल मरती रही...मेरे चेहरे की हँसीं छिन चुकी थी कि नितिन  ने मुझे और मेरे दिल को क्यों नहीं समझा ...ऐसे कैसे मुझे किसी के भी हवाले कर दिया | ‘हाँ माना जिंदगी में प्यार के साथ सेक्स बहुत जरुरी है ...पर इतना भी जरुरी