भाग 2 एक ही झटके से स्वाति ने उसे अपने से अलग किया और कुछ देर गौर से देखने के बाद वो बोली ''ओह! वंदना ....मेरी गुड़िया'' और स्वाति का गला भर आया ,उसे चेहरे को पकड़ कर अपनी ओर झुका कर स्वाति ने उसका माथा चूम लिया और कुछ पलों के लिए वो आगे कुछ नहीं बोली पाई |पर उसने वंदना की सिर से पैर तक बहुत गौर से देखा...बहुत शालीन लग रही थी....जैसे स्वाति ने सोचा था ठीक वैसी ही थी उसकी वंदना | वंदना ने सफ़ेद सूट, सफ़ेद दुप्पटे के साथ पहना हुआ था और पैरों में