उस महल की सरगोशियाँ - 5

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एपीसोड - 5 इस महल में इन्हीं कक्षों में माँ व दासियों को खिजाते दौड़ते होंगे नन्ही राजकुमारी व नन्हे राजकुमार के कदम। अपने प्रेम को अभिव्यक्त करने व उनके व्यक्तित्व को सम्मान देने के लिये उन्होंने नए महल, लक्ष्मी विलास पैलेस को बनाने की योजना बनाई थी कितना ख़ौफ़नाक होगा सं १८८५ जब रानी चिमणाबाई शादी के छः वर्ष बाद ही चल बसी होंगी। राजवंश के समाधि स्थल कीर्ति मंदिर में उनकी समाधि बनवा दी होगी। तब तक ये लक्ष्मी विलास महल पूरा बन भी नहीं पाया था। उसने पानी का गिलास सामने की विशाल कांच के टॉप वाली