दूसरी औरत.. - (अंतिम भाग)

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"आजकल पाँव ज़मीं पर नहीं पड़ते मेरे,बोलो देखा है कभी तुमनें मुझे उड़ते हुए!", गुनगुनाती हुई सुमेधा अचानक से चुप हो गई क्योंकि उसके पति सुकेत नें अभी-अभी ऑफिस से आकर घर में प्रवेश किया था और पिछले कुछ दिनों से उन दोनों के बीच बातचीत भी बंद थी जबसे सुकेत उस रात मयंक को बुखार में तपता हुआ छोड़कर अपनी किसी ऑफिशियल पार्टी में चला गया था और लौटा भी रात के तीन बजे और वो भी नशे में धुत्त होकर!!इन दोनों पति-पत्नी के बीच चल रहे इस शीत युद्ध के बावजूद सुमेधा,सुकेत के प्रति अपना पूरा फर्ज निभा