दिवानगी की हद

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भरी दोपहर में क्रीशा ने अपनी गाड़ी मैन रोड पर दौड़ाई, सीधा रुकी एक बड़े से बंगले में, वॉचमैन ने क्रीशा को देखकर तुरंत दरवाजा खोला, क्रीशा ने अपनी गाड़ी पार्किंग एरिया की और घुमा दी, जैसे वो इस घर की हर जगह से वाकिफ हो, वैसे जानती भी कैसा ना हो ये उसकी बचपन कि सहेली पलक का घर जो था, पलक और क्रिशा को देखकर कोई भी बोल देता था कि ये दोनों सगी बेहने है, उन दोनों को दोस्ती तीसरी कक्षा में हुए थी सरदार पटेल स्कूल में, और आज पलक अपनी fashion designing की पढ़ाई कर