कोरोना प्यार है - 6

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(6) "आओ मंयक। मैं तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी।" सुजाता ने कहा। "कहिये आपने मुझे यहां काॅफी हाउस क्यों बुलाया?" मंयक ने पुछा। "मंयक। मुझे सोनिया और तुम्हारे बीच के मनमुटाव की खब़र है।" "नहीं सुजाता! ऐसी कोई बात नहीं।" मंयक चौंका। "देखो मंयक! ये समय संकोच का नहीं है। तुम्हारी गृहस्थी टुटने की कगार पर है और तुम अभी भी शर्म कर रहे हो।" सुजाता ने कहा। मंयक ने काॅफी का कप टेबल पर रख दिया। उसकी नजरे स्वतः झुक गयी। "क्या करूं सिस्टर! मैं सोनिया को खुश करने की पुरी कोशिश करता हूं। मगर वह हमेशा मुझसे