यह कैसा मजाक

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यह कैसा मजाक !! विवाह का स्वागत समारोह था...अनिमेष और अपराजिता मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत करने में लगे हुए थे । बेमेल जोड़े को देखकर लोगों में कानाफूसी प्रारंभ हो गई थी...। अनिमेष की पारखी नजरों से लोगो के चेहरे पर छाया व्यंग्य छिपा न रह पाया । उसे डर था तो सिर्फ इतना कि ये बातें अपराजिता के कानों में न पड़ जायें । लगभग तीन हफ्ते पूर्व ही उनका विवाह हुआ था । एक हफ्ता अपने रिश्तेदारों के साथ व्यतीत करने के पश्चात् वे मधुयामिनी हेतु ऊटी चले गये थे । दिन रात पंख लगाकर उड़े जा रहे थे