बैंगन - 30

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दो दिन बाद मैं वापस अपने घर लौट गया। सबसे तल्ख़ और तीखी पहली ही प्रतिक्रिया तो मुझे मेरी पत्नी से सुनने को मिली, बोली- अबकी बार क्या गुल खिलाए? मैंने झेंप कर उसकी बात का अनसुना कर दिया क्योंकि मां और बच्चे आकर मुझे घेर कर खड़े हो गए थे। - अबकी बार बहुत दिन लगाए बेटा... कहते हुए मां ने कुछ अविश्वास से देखा, क्योंकि जाते समय मैं उनसे कह गया था कि दुकान के लिए सामान खरीदने जा रहा हूं। बच्चे गौर से मेरे बैग की ओर देखने लगे। वो अच्छी तरह जानते थे कि दुकान के