(7) रात आर्लेक्चनू वाले तुम्हें उस समय कोठी में पहुँचा गये जब कि मैं मौजूद नहीं था । आने पर तुम्हें देखा मगर मेरे पास इतना समय नहीं था कि मैं आर्लेक्चनू वालों से कुछ पूछता या तुम्हारे होश में आने की प्रतीक्षा करता । इसलिये कि डेढ़ बजे वाली फ्लाईट से लन्दन जाना था । मेरी दुआयें तुम्हारे साथ है । यह पहला अवसर है जब कि तुम्हें रनधा जैसे खतरनाक आदमी से अकेले निपटना है । देखो कि कल चार बजे सवेरे रनधा को फाँसी होती भी है या नहीं । मैं तुम्हें भी अपने साथ ले चलता