भाई ने अपने पुलिस वाले मित्रों से कह कर तन्मय को तुरंत छुड़वा दिया और मामला रफा- दफा करवा दिया। वह घर पहुंच गया। मैं जानता था कि बेचारे निर्दोष तन्मय की कोई ग़लती न होने पर भी उसके पुजारी पिता उसे दिल से कभी माफ़ नहीं करेंगे और मौके बेमौके उसे जलील करते रहेंगे इसलिए उनकी ग़लत फहमी दूर करना हर हाल में ज़रूरी है। इसलिए मैं खुद उसके साथ उसके घर गया और पुजारी जी को सारी बात बताई कि किस तरह मेरी दुकान पर ही ग़लत फहमी होने से बेचारा लड़का बिना बात के फंस गया। सुनते