द ईमेल भारत खतरे में - (भाग 1)

  • 9k
  • 3k

मैं ईमेल पढ़ पाता हमारी प्रियतमा की सुबह के अभिवादन को सुनना जरूरी था। "गुड मॉर्निंग डार्लिंग" ओर सुरभि की भी शुरुआत बस रोज ऐसे ही होती थी। कुछ समय बाद सुरभि चाय बनाकर गार्डन में आ गयी लेकिन अभी भी अनुपम नही आया था। सुरभि कुछ समय बाद मुझे बुलाने के लिए कमरे में आई मुझे वहां नही देखकर आवाज लगाई। "सुरभि में बाथरूम में नहा रहा हूँ मुझे जल्दी से ऑफिस जाना है" ये सुनकर सुरभि चकित हो गई। में नहा कर बाहर आ चुका था और सुरभि की तरफ देखकर कहा "नाश्ता तो बना दूँ ऑफिस में