विश्वासघात--भाग(१४)

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शक्तिसिंह जी को लीला का शुष्क व्यवहार पसंद नहीं आया,एक तो इतनो सालों बाद मिलती है और जब भी मिलती है तो ऐसा ही शुष्क व्यवहार करती है,शक्तिसिंह जी ने मन में सोचा।। तब तक सब लौट आएं और भीतर आकर सब खाने पीने की तैयारी में लग गए,तब दया ने इशारों में शक्तिसिंह जी से पूछा कि जीजी से कोई बात हुई,शक्तिसिंह जी ने भी इशारें में कहा हुई तो लेकिन ना के बराबर।। सबने चाय पी फिर खाने की बारी थी,इतने दिनों बाद सबके साथ बैठकर खाने का स्वाद और भी बढ़ गया साथ मेँ खूब