विश्वासघात--भाग(१)

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नन्दपुर गाँव___ ओ..बेला की माँ !जरा सम्भालों तो अपने लाल को देखो तो बस,रोए ही जा रहा है, दयाशंकर ने अपनी पत्नी मंगला से कहा।। आती हूँ जी! तुम्हारा ही तो काम कर रही थीं, तुम्हारे रास्ते के लिए कुछ सूखा नाश्ता बना रही थी जो दो चार दिन चल सकें,तुम बाहर गाँव जाते हो जी !तो मुझे यहाँ खटका सा लगा रहता ,कभी दस दिन में लौटते हो तो कभी पन्द्रह दिन में और मैं यहाँ बच्चों को लिए पड़ी रहती हूँ और फिर इस गाँव में और आस पास के गाँवों में डकैतों का कितना खतरा बढ़