बैंगन - 15

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आप समझ ही गए होंगे कि क्या हुआ?यदि नहीं, तो चलिए मैं बता देता हूं। आपको बताना ज़रूरी है क्योंकि आप ही तो पूरी कहानी के दौरान साथ चल रहे हैं।तो जिस बंगले के बाहर सुबह के धुंधलके में तांगा आकर रुका था वो और कोई नहीं बल्कि मेरे भाई का वही बंगला था जो विदेश से लौटने के बाद उन्होंने ख़रीदा था और जिसमें पिछले दिनों मैं जाकर भाई के परिवार से मिल कर आया था। और आपको तो मालूम ही है कि वहां मेरे साथ क्या- क्या अजीबो - गरीब घटनाएं घटीं तथा किस तरह मेरा अपमान करके