क्षमा, उच्चता का प्रतीक है।जीवन में प्रत्येक मनुष्य जाने-अनजाने गलतियाँ करता है और कभी-कभी इन गलतियों के कारण कोई दूसरा व्यक्ति आहत भी हो जाता है। आहत व्यक्ति से क्षमा मांगकर भूल सुधार किया जा सकता है और यदि आहत व्यक्ति क्षमा प्रार्थी को माफ कर देता है तो दोनों व्यक्तियों के मध्य सौहार्दपूर्ण वातावरण का पुर्नर्निर्माण भी हो सकता है। यदि व्यक्ति गलती कर दे, लेकिन उसके लिए माफी नहीं मांगे और कोई व्यक्ति माफी मांगने पर भी सामने वाले को माफ न करे तो ऐसे लोगों के व्यक्तित्व में अहंकार संबंधी विकार पैदा हो जाते हैं। जब हम खुद गलती