नाकुशी--एक लडकी (पार्ट 1)

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"यशवंत देख तेरी बेटी ने क्या कमाल कर दिया।"गांव का सरपंच बलवंत सुबह सुबह ही अखबार लेकर यशवन्त के घर जा पहुंचा।वह उसे अखबार देते हुए बोला,"ले इसे पढ़।"यशवन्त ने अखबार पढ़ा था।उसमें छपे समाचार को पढ़कर उसके अतीत के पन्ने फड़फड़ाकर खुलने लगे। यशवन्त तुलजा का रहने वाला था।गांव में ही उसकी थोड़ी सी जमीन थी।जिस पर वह खेती करता था।उसकी शादी शालिनी से हुई थी।शादी के पांच साल बाद भी शालिनी के पैर भारी नही हुए तो उसे चिंता हुई।शालिनी ने अपनी चिंता पति को बताई।यशवन्त पत्नी को लातूर ले गया।उसने पत्नी को स्त्री रोग के डॉक्टर को दिखाया।डॉक्टर