आजाद परिंदा : कागजी पत्नी … आईईईशा

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दत्त साहब की शादी को अभी 1 वर्ष भी पूरा नहीं हुआ था कि पति पत्नी में खटपट होने लग गयी । कभी एक मुद्दे पर और कभी दूसरे मुद्दे पर । लगभग हर रोज ही खटपट होती। किसी दिन यदि पति पत्नी में नहीं हुई तो सास बहू में हो गयी । आखिर दत्त साहब के सामने वो दिन आ ही गया जब उनको माँ या पत्नी में से एक का चुनाव करने की मजबूरी आ खड़ी हुई । दत्त साहब ने बहुत सोच विचार किया । कभी वो सोचते कि उसके और माँ के बीच में तो खटपट