मेरे प्यारे भाई बिट्टू बहुत सारा प्यार मेरी शादी अठारह जनवरी की थी और उसके पहले पंद्रह जनवरी को शगुन |ससुराल देहरादून में था तो जब शगुन देकर जब से सब वापिस आये थे सब बहुत खुश थे...सिवा तुम्हारे | सत्रह को मेहंदी के बाद जब सब खाना खाने में व्यस्त हो गये थे तब तुमने मेरे पास आकर मेरा हाथ थाम लिया था और मजाक में कहा था कि "रंग गहरा नही चढ़ेगा" और मैं बोली थी ऐसी ही ! देखना गहरा होगा हमेशा की तरह | और तब मुझे देखते रह गये थे और उदास होकर बोले थे " तुझे डर नही