जब मेने रिज़ा को देखा था पेहली बार तबसे मे उसे प्यार करने लगा था पर उसे कुच फरक नही पड्ता था और फिर मुझे ये भी तो पता नही था की वो मेरे बारे मे क्या सोचती है क्या मेहसूश करती है पर हमे इतना तो मालुम ही था की इस मिशन मे हम जरूर कामयाब होन्गे और उस दिन फाइनली मेने उस्को प्रोपॉज करने ही वला था और फिर... अब आगे... हेय डूड क्या कर रहे हो यहा पे और वो भी अकेले अकेले क्या बात है भाई अरे साहिल तुझे तो पता ही है वो ना मे