गाड़ी मे बैठ नियान अभी भी मूर्खो की तरह मुस्कुराए जा रही थी। उसे बार बार ब्लूबेरी के कहे शब्द याद आ रहे थे। उसके दिल मे सच मे मेरे लिए कुछ खास भावनाएं है, इसीलिए वो हमेशा मुझसे बाकी लोगो से अलग बर्ताव करता है। जैसे ही वो लोग घर पोहोचे, नियान दादाजी से जा मिली।" आओ आओ अपने घर मे तुम्हारा स्वागत है, बेटी।" बुजुर्ग ने हसते हुए कहा।नियान इस तरह शर्मा गई के उसे देख गन के चेहरे पर मुस्कान खिल गई। वही डेमो चुपचाप अपने बॉस को मुस्कुराते हुए देख रहा था। मिलने मिलाने के बाद