बदलते रिश्ते (पार्ट 1)

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बेटी को पराया धन माना जाता है।इसलिए बेटी के जवान होते ही माँ बाप को उसकी शादी की चिंता सताने लगती है।बेटी के हाथ पीले करने से पहले ही पिता इस दुनिया से चला जाये,तो माँ की चिंता और बढ़ जाती है।गृहणी बनकर जीवन काटने वाली औरत को बेटी के लिए वर की तलाश में घर से बाहर जाना ही पड़ता है।बेटी की पढ़ाई पूरी होते हीी सालू को उसकी शादी की चिंता सताने लगी।उसने कई जगह बेटी के रिश्ते के लियेे बात चलाई।कई लड़के रश्मि को देखने के लििये भी आयेे। इतना बड़ा बंगला और चल अचल