""""""""तुम्हारे बगैर""""""By... Arjun Allahabadiअगर सही कहा जाये तो "अपनों की सही पहचान कठिन परिस्थितियों में ही होती है"। चीन के वुहान शहर से आये कोरोना वायरस ने जो दुनियाँ में तबाही मचाई इस से इंसान के लिए अपनी जान बचाना सर्वोपरि हो गया। इंसान इंसान से दूर हो गया ,अपने अपनों से ही दूरी बनाने लगे थे।जो जहाँ था वहीँ रोक दिया गया।मगर कब तक?इंसानों का दूसरे शहर से अपने घर को पलायन करना 1947 के बंटवारे की याद दिला गया।जब भारत और पाकिस्तान के लोग अपने अपने मुल्कों को वापस जा रहे थे।कुछ वैसा ही।खैर मैं यहाँ उस त्रासदी