आज जीवन और उसकी पत्नी स्वस्थ होकर हॉस्पिटल से घर आ गए थे।दो दिन बाद ही उनकी मैरिज एनिवर्सरी थी।उसकी शादी को 15 वर्ष हो गए थे।पत्नी बगल में दवा लेकर गहरी नींद में सो रही थी,औऱ वह यादों की गलियों में भटक रहा था। घरवालों की पसंद से राशि उसकी पत्नी बनकर उसकी जिंदगी में आई थी, हूर की परी तो नहीं थी,लेकिन गेहुएं रँग की आकर्षक, सीधी-साधी युवती थी,विवाहोपरांत शीघ्र ही अत्यंत कुशलता से गृहस्थी की बागडोर सम्हाल लिया था उसने,घर में सभी उससे प्रसन्न एवं सन्तुष्ट थे।एक जीवन ही था,जिसे उससे तमाम शिकायतें थीं,आधुनिक कपड़े नहीं