एक शख्स - 1

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शादी की तैयारी इस कदर जोरों शोरो पर थी, हर कोई ख़रीददारी मैं लगा हुआ था। हर कोई बस ये ही सोच रहा था था, कि मुझे क्या पहनना चाहिए शादी वाले दिन और ,बस ये सब बातें केवल एक इंसान नहीं सोच रहा था । वो थे मेरे पिता जी, उन्होनें मेरी शादी के लिए न जाने किस किस से उधार लिया था। मेरी पढ़ाई अभी खत्म भी नहीं हुई थी। कि मेरी बुआ के कहने पर मेरा रिश्ता कर दिया गया। बुआ जी ने माँ के कानों को बहुत चतुराई के साथ भरा था। जवान बेटी है, और