शुभि - (2)

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बाल कहानी —शुभि (2) शुभि को दादी के साथ बहुत अच्छा लग रहा था ।एक दिन उसने देखा कि दादी कमरे में नहीं है तो वह बाहर निकल कर देखने लगीं । बाहर उसने देखा कि दादी पूजा करके तुलसी के पौधे में लोटे से पानी लगा रहीं हैं ।उसके बाद उन्होंने एक लोटा नल से पानी लेकर सूर्य के सामने मुख करके ऊँचाई से सामने की ओर देखते हुए चढ़ा दिया ।वहॉं खड़े होकर परिक्रमा की हाथ जोड़कर । शुभि यह सब