स्वीकृति - 1

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घबराई हुई सी पुर्णिमा तेज भागती हुई सीढ़ियों से नीचे उतरती है. और घबराहट में नीचे उतरती हुई वह दो खेड़ी एक ही बार में फांद जाती है, और सीधे बुआ जी से टकराती है. बुआ जी जोर से चिल्लाती है..,”अरे..! होश कहां छोड़ आई है.. बदतमीज लड़की ऐसा क्या देख लिया.., जो यूं घबराई हुई सी भाग रही है...!” तभी पूर्णिमा बोल पड़ती है..," बुआ जी! आप सुनोगे तो आपके भी होश उड़ जाएंगे.., छोटी भाभी अपने कमरे में नहीं है, मैंने हर जगह ढूंढा वह कहीं नहीं ..है" पूर्णिमा बिना रुके एक ही सांस में सारी बातें