अनचाहा रिश्ता - ( फिर मिलेंगे) 17

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" गुस्सा मुझे आना चाहिए ना की तुम्हे।" स्वप्नील ने गाड़ी चलाते हुए उसकी तरफ नजर डाली। मीरा अभी भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं थी।" नाराज भी मुझे होना चाहिए ना की तुम्हे।" उसके बाद भी मीरा ने स्वप्निल को नजरंदाज करना जारी रखा। उसने लेफ्ट ले कर आखिरकार अपनी गाड़ी रोक दी। वो जैसे ही मीरा से बात करने उसकी तरफ घूमा। मीरा उसके सीने से लिपट गई।" सॉरी। मुझे पता है आप नाराज है। मुझसे गुस्सा है। लेकिन फिर भी मुझे अपने किए का कोई पछतावा नहीं है। प्लीज नाराज मत होए। प्लीज।" अपनी बात खत्म