मूसलाधार बारिश हो रही थी। रह-रहकर तेज़ बिजली के साथ बादल गरज रहे थे। रात के घुप्प अंधेरे में वह भाग रहा था। चारों तरफ़ से सांय-सांय की आवाज़ें आ रही थीं। उसे महसूस हुआ जैसे कोई उसका पीछा कर रहा था। अचानक एक ज़ोरदार ठोकर लगी और वह नीचे गिर पड़ा। उसकी पैंट घुटने से फट गई और वहां से खून बहने लगा। उससे उठा नहीं जा रहा था जैसे दोनों पैरों की जान निकल गई हो। वह बहुत कोशिश करके उठा। उसके दोनों पैर बुरी तरह कांप रहे थे। बड़ी मुश्किल से जेब से रुमाल निकाल