सुबह का समय था। बहुत जल्दी। वही घड़ी, जिसे पुराने समय में पुराने लोग "भिनसारे ही" कहा करते थे। मजे की बात ये है कि जब हम पर अंग्रेज़ों का राज था तब हम "भिनसारे" ही कहते थे पर अब जब अंग्रेज़ सब कुछ हम पर ही छोड़ कर चले गए हैं, हम कहते हैं- अर्ली इन द मॉर्निंग! तो इसी मुंह- अंधेरे की वेला अर्ली इन द मॉर्निंग में एक बड़ा सा तांगा आकर एक आलीशान बंगले के बाहर रुका। तांगा बड़ा सा इसलिए दिखाई देता था कि तांगे में जुता अरबी घोड़ा बेहद मजबूत, हट्टा - कट्टा, कद्दावर