इश्क़ - 8

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वो उसके पीछे पीछे रसोई तक जाता हैमुस्कुरा कर कहता है"भूल गया ना बाबा आज अपनी शादी की सालगिरह है माफ भी कर दो""तुम ना निक्षांत हर बार भूल जाते हो"कहते हुए वो गुस्से में उसे देखती है"अब देखो ना मुझे तो बस तुम याद रहती होतो दूसरी चीज़े कहाँ से याद रहेगी ये भी तो सोचो""हाँ आप और आपके ये बहाने कभी खत्म नहीं होते""प्यार भी तो खत्म नहीं होता ना"कहते हुए वो आरोही को जोर से एक झप्पी देता हैआरोही अपना गुस्सा भूल के मुस्कुरा देती है"मम्मा आपकी और पापा की शादी तैसे हुई ? "उनकी 3 साल