"निशा भी?"उसने अपने आप से सवाल पूछा था।"मन से तो वह पहले ही तुम्हारी हो चुकी है।आज तन से भी तुम्हारी हो जाएगी?""सच?"अपने दिल कि बात सुनकर देवेन का चेहरा गुलाब सा खिल उठा।उसने सेंट की शीशी उठायी और अपने कपड़ों पर स्प्रे कर लिया।उसने अपने बालों को सँवारा और फिर चल दिया।रमेश की पत्नी रूपा और सुरेश की पत्नी सविता ने सुहागकक्ष को गुलाब,मोगरा और चमेली के फूलों से सजाया था।देवेन को देखकर रूपा बोली,"दुल्हन कब से दूल्हे राजा के इन्तजार मे पलके बिछाय बैठी है।और तुम्हे अब फुरसत मिली है।""आ तो गए।हमारी बहन फूलो सी नाजुक है।आज की