भोर का शहर

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पछाड़ खाती तीव्र लहरों का काले पत्थरों से टकरा कर लौटना, बीच से एक श्यामल सी मोहक छवि का उभरना और उन्हीं चोट खाती लहरों के बीच से दिखना किसी की बेचैन आंखें। कौंधना प्रकृति के सानिध्य में बसा एक मनोरम स्थल और ॐ की ध्वनि का आना।प्रचंड वेग से आती समुद्री लहरों की आवाज से अचानक चौंक कर उसकी आंखों का खुलना। क्यों बेचैन है वो? क्या छिपा है उस स्वप्न के पीछे? यह कौन सी जगह है, जो उसे बार बार आकृष्ट करती है ? क्या छिपा है इन काले पत्थरों से टकराती लहरों के पीछे? क्या किसी की