तू है पतंग मैं डोर - 1

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भाग - 1 यह कहानी है ऐसे दो बच्चों की जो बचपन के वर्षों बाद मिलने पर फिर दोस्त बने और फिर जीवनसाथी भी … कहानी - तू है पतंग मैं डोर मान्यता के घर उसकी बचपन की सहेली शीला आई हुई थी .वह अपने फ्लैट की बालकनी में उसके साथ बैठी चाय पी रही थी . शीला शादी के बाद पहली बार मान्यता से मिली थी .शीला का पति सेना में कैप्टेन था, कहीं दूर दराज़ बॉर्डर पर उसकी पोस्टिंग थी .वह बोली " तू तो अपनी शादी में मुझे भूल ही गयी थी .